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रायपुर:। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर में एक बार फिर झूठ बोला कि नगरनार संयंत्र को उनकी सरकार निजीकरण नहीं कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने राजनैतिक बयानबाजी में झूठ बोलकर अपने पद की गरिमा को गिराया है। मोदी सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचना चाहती है तथा इस संयंत्र को खरीदने के लिये उद्योगपतियों ने सर्वे भी शुरू कर दिया है तथा उद्योगपतियों को बोली लगाने के लिये नियम शर्ते भी मोदी सरकार ने बना दिया है। प्रधानमंत्री बस्तर और प्रदेश की जनता को जवाब दें कि वे झूठ क्यों बोल रहे हैं?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि 14 अक्टूबर 2020 में भारत सरकार ने एनएमडीसी (नगरनार) स्टील प्लांट में 50.79 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया था। उक्त कार्य हेतु भारत सरकार के वित्त विभाग के अधीन ‘‘निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग’’ (डीआईपीएएम) को सौंपा गया। यह निर्णय प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा लिया गया। इस बैठक में नगरनार स्टील प्लांट के राजनीतिक विनिवेश का कार्य सितंबर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया। (पीआईबी रिपोर्ट)
उक्त निर्णय के क्रियान्वयन हेतु ‘‘दीपम’’ (डीआईपीएएम) ने 2 दिसंबर 2022 को नगरनार की रणनीतिक बिक्री हेतु प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की गयी। इस निविदा के संबंध में निजी निवेशकों को अन्य जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रश्न जमा करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर 2022 तथा बोली जमा करने की अंतिम तिथि 27 जनवरी 2023 रखी गयी थी। (‘‘दीपम’’ का नोटिफिकेशन)।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि समाचार पत्रों की खबरों के अनुसार विदित होता है कि नगरनार स्टील प्लांट को खरीदने के लिये पांच निजी कंपनियों ने प्रस्ताव प्रस्तुत किये हैं। उनमें से प्रमुख हैं जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, जे.एस.डब्ल्यू. एस्सार तथा अडानी समूह शामिल है। (23 फरवरी 2023 की द न्यू इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र की कटिंग) ।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एनएमडीसी के चेयरमैन अमिताभ मुखर्जी ने मीडिया से चर्चा करते हुये बताया था कि एनएमडीसी स्टील प्लांट के विनिवेशक की प्रक्रिया में प्लांट की कमिशनिंग के बाद तेजी आयेगी। (समाचार पत्र की कटिंग संलग्न)। इस बात की संभावना है कि राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद दिसंबर में उन कंपनियों से फाइनेंसियल बिड आमंत्रित किये जायें, जिनको ‘‘दीपम’’ ने शॉर्टलिस्ट किया है। भारत सरकार द्वारा इसी वित्तीय वर्ष अर्थात् 31 मार्च 2024 के पूर्व नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। एनएमडीसी स्टील के अलावा भारत सरकार इसी वित्तीय वर्ष में शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, एचएलएल लाइफकेयर, कन्टेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, विजाग स्टील तथा आईडीबीआई के विनिवेश से कुल 51,000 करोड़ रू. अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार द्वारा नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का निर्णय लिया है बल्कि इसके निजीकरण की प्रक्रिया अंतिम चरण तक पहुंच गई है। देश का प्रधानमंत्री इस स्तर तक झूठ बोलेगा इसकी किसी ने कल्पना नहीं किया था।