देश

भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान के रिश्तों में सुधार, महीनों से बंद पड़ी कोयला खदान हुई, शुरू

89views
Share Now

उदयपुर: सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित राजस्थान सरकार की एक मात्र कोयला खदान जो कई महीनों से बंद पड़ी थी, प्रदेश में भाजपा शासन आते ही इसके पुनः शुरू होने का रास्ता अब साफ हो गया है। इस खबर से न सिर्फ कोयला खदान के बंद होने से बेरोजगार हुए 5000 से अधिक स्थानीय युवाओं को अब नौकरी वापस मिलने की खुशी है बल्कि दोनों राज्यों की सरकारों के रिश्तों में पड़ी कड़ुवाहट में भी सुधार भी हो चला है।

दरअसल सरगुजा जिले में स्थित परसा ईस्ट कांता बासन कोयला खदान जो जमीन की अनुपबद्धता के कारण बंद होने से प्रभावित ग्राम परसा, साल्ही, बासन, फतेहपुर, हरिहरपुर और जनार्दनपुर सहित कुल 14 गांवों में मातम पसरा हुआ था, यहां के लोगों द्वारा इसके पुनः संचालन के लिए करीब 200 से भी अधिक दिनों से मोर्चा खोल रखा था। इसके लिए इन सभी ने कई बार राजधानी रायपुर आकर प्रदेश की काँग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल सहित कई शीर्ष नेताओं को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाँथ लगी। यहां तक की क्षेत्र के लोगों ने 17 दिसंबर के विधानसभ चुनाव के बहिष्कार की भी मानसा बना ली थी। शायद इसी का खामियाजा प्रदेश की तत्कालीन राजनीतिक पार्टी को उठाना पड़ा जहां सरगुजा संभाग की सभी चौदह सीटों में काँग्रेस पार्टी को पराजय का दंश झेलना पड़ा है।

वहीं प्रदेश में भाजपा सरकार के आने से अब इन सभी युवाओं का एक समूह 13 दिसंबर को क्षेत्र के अंबिकापुर और प्रेमनगर विधानसभा सीट से भाजपा के विजयी विधायक क्रमशः  राजेश अग्रवाल और  भुलनसिंह मरावी से सौजन्य मुलाकात कर जमीन न मिलने के कारण बंद पड़ी परसा ईस्ट कांता बासन खदान और परसा कोल परियोजना को शुरू कराने के लिए ज्ञापन सौंपा था।

Share Now

Leave a Response