रायपुर:कांग्रेस नेता एवं भनपुरी के पूर्व उप सरपंच अजय साहू तथा यूंका के पूर्व सचिव कमलेश मिश्रा ने भाजपा को दागी, चिन्हित, विवादित एवं आयातित लोगों का जमावड़ा बताते हुए कहा कि ये लोग जल, जंगल एवं जमीन के मालिक आदिवासी भाइयों, दलित, शोषित,पिछड़ों एवं गरीबों की हित चिंतक कभी नहीं हो सकते क्योंकि इनके अंदर सेवा की भावना न होकर लाभ की भावना छिपी रहती है।ये लोग श्री राम का नाम भी भक्ति भावना से प्रेरित होकर नहीं लेते बल्कि सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए भगवान का नाम लेते हैं। श्री राम मंदिर का निर्माण निष्काम भाव से संतो से न करवाकर सत्ता सुख प्राप्त करने हेतु सकाम भाव से स्वयं करवा रहे है। सकाम एवं निष्काम में जमीन आसमान का अंतर होता है। सकाम व्यक्ति के भीतर लोभ समाया रहता है जो एक दिन पतन का कारण बनता है।
श्री साहू एवं श्री मिश्रा ने कहा कि 15 साल तक भाजपा की सरकार रही जो एक आदिवासी नेता के त्याग एवं तपस्या के कारण बनी थी उसे तिरस्कृत कर एक गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बना दिया गया।इसी तिरस्कार एवं अपमान के चलते उस आदिवासी नेता ने भाजपा का त्याग कर दिया जिसे सभी जानते हैं। अब देखना ये है कि ये सब किस मुंह से अपने आपको आदिवासी हितैषी होने का प्रचार करते हैं। श्री साहू तथा श्री मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा की सरकार रही उन्हें कौशल्या माता मंदिर एवं राम वन गमन पथ याद नहीं रहा।ऐसे लोग अपने आप को श्री राम भक्त कहते है।ऐसे लोगो को भक्ति का “भ ” भी मालूम नही है। ऐसे तत्व सिर्फ सत्ता के स्वार्थ के लिए श्री राम नाम जो अत्यंत पावन है उसका दुरुपयोग करते हैं। छत्तीसगढ़ की आम जनता ऐसे लोगों की कुत्सित एवं स्वार्थी भावना को अच्छे से समझ रही है। आगामी चुनाव में दलित, पीड़ित, शोषित, पिछड़े एवं आदिवासी भाई इसका माकूल जवाब देंगे। ऐसे तत्वों को छत्तीसगढ़ के लोगों के बुद्धि एवं पराक्रम पर भरोसा नहीं है तभी तो बाहरी लोगों को प्रदेश में बुलाकर सर्वे एवं अन्यगतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। एक आम छत्तीसगढ़िया इससे काफी कुपित है