रायपुर! सड़क पर बैठी घुमन्तु गायें रात के समय वाहन चालकों को नहीं दिखती हैं। जिससे अक्सर दुर्घटना का शिकार हो रही हैं। इस तरह की दुर्घटना रोकने के लिए गायों के गले में रेडियम बैंड लगाने का कार्य शहर के एक समाज सेवी संस्था जिंदगी ना मिलेगी दोबारा के सदस्यगण कर रहे है।
सड़क पर गायों की संख्या बढऩे से दुर्घटना के मामले भी ज्यादा हो गए हैं। शहरी क्षेत्र में आवारा मवेशियों के विचरण को रोक पाने में निगम प्रशासन भी विफल नजर आ रहे हैं। सड़क पर मौजूद गायों के साथ अक्सर रात को दुर्घटना हो रही है। ऐसे में गायों की सुरक्षा के लिए जिंदगी ना मिलेगी दोबारा अनूठा प्रयास कर रही है।
संस्था के संरक्षक अजय शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था के सदस्यों ने समाज सेवा के साथ साथ पिछले 251 दिनों से गौ सेवा के उद्देश्य को ध्यान में रखकर एक संकल्प लेकर एक अनूठी मिसाल पेश की है, जिसमें सदस्यों ने स्वयं के जन्मदिन ,विवाह वर्षगाँठ व अपने स्वर्गवासी परिजनों के पुण्यतिथि पर होने वाले आयोजन के खर्च का कुछ अंश गौ वंश की सेवा के लिए निकालने का निर्णय लिया है । इसमें जो भी धन राशि एकत्रित होती है उससे घुमंतू गायों के खाने के लिए दाना, चुनी, पैर कट्टी, हरी घास , सब्जी आदि की व्यवस्था बड़े -बड़े 5 कोटना में लगातार की जा रही है।
पिछले कुछ दिनों से प्रगतिशील यादव समाज की अरुणा यादव के सहयोग से टीम के सदस्य रेडियम की पट्टी को गायों के गले में बांध रहे हैं। जिसका असर यह है कि रात के समय गाय के गले में रेडियम पट्टी दूर से ही चमकने लगती है। ट्रक व अन्य बड़े वाहन चला रहे चालक गाय, बछड़े आदि को देखकर सावधान हो रहे हैं। जिससे गायों की दुर्घटना में कमी आने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि गायों को लोग खुला सड़क पर छोड़ दे रहे हैं। दुर्घटना होने के बाद उनका दल गायों के इलाज का कार्य भी कर रहा है। ऐसे में रेडियम बैंड लगने से रात के समय भी गाय की दृश्यता बनी रहेगी। जिससे दुर्घटना के मामले कम हो जाएंगे।
गायों के गले में रेडियम बैंड लगाना बिल्ली के गले में घंटी बांधने जैसा जटिल है। छोटे बछड़ों के गले में बैंड बांधना आसान है, लेकिन बड़ी गाय व सांड़ के गले में बैंड बांधना काफी खतरे से भरा कार्य है। कई बार बैंड बांधते समय गाय व बैल घसीटने लगते हैं। हमला करने की भी संभावना रहती है। इसके बाद भी गायों की सुरक्षा के लिए दल के सदस्य अपने कार्य से समय निकालकर लगे हुए हैं।
इस कार्य में अध्यक्ष सुषमा तिवारी के साथ संस्था की सदस्य छोटी, हेमलता तिवारी ,सीमा अग्रवाल,ममता बड़गैया, कमल सावरकर ,स्वाति सोनी,प्रतिभा गुप्ता , सीमा विजय शर्मा, सीमा विनीत शर्मा ,प्रीती रामदत्त शर्मा, रानी शर्माआदि कार्य कर रहे हैं।