देश

जैसी मति वैसी गति:शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

90views
Share Now

नई दिल्ली:जीवन के अन्तिम समय में मनुष्य की जैसी मति होती है वैसी ही गति उसकी हो जाती है। यदि हमने जीवन के अन्त में भगवान् का स्मरण किया तो हमें अच्छी गति प्राप्त होगी और यदि किसी दूसरे का स्मरण किया तो हमें दूसरे जन्म में वही बनकर जन्म लेना पड़ेगा।उक्त बातें  उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ ने चातुर्मास्य प्रवचन के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि जिन बातों का अभ्यास हम जीवन भर करते हैं अन्त समय में हमारी बुद्धि भी वैसी ही हो जाती है। इसीलिए यह कहा गया है कि अच्छे वातावरण में रहें जिससे हममें अच्छी बातों का ही अभ्यास बना रहे।

आगे कहा कि राजा और संन्यासी का धर्म बडा कठिन होता है। सामान्य व्यक्ति को यदि किसी को सम्मान देना चाहे हो तो बडी आसानी से अपने आसन से
उठकर उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित कर सकता है लेकिन राजा और संन्यासी को मर्यादा में रहकर ही सम्मान प्रदर्शित करना होता है।

शंकराचार्य के प्रवचन के पूर्व , जैसे ही परम पूज्य ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य  अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज पंडाल पर पहुंचे वैसे ही संस्कृत विद्यापीठ गुरुकुल के छात्रों के द्वारा हर हर महादेव एवं जय गुरुदेव की जय हो उसके साथ पूज्य शंकराचार्य महाराज का स्वागत किया उसके पश्चात पूज्य शंकराचार्य महाराज ने ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य महाराज के तैल चित्र पर पूजन अर्चन कर व्यास पीठ पर बैठे।
आज श्री मद भागवत कथा के यजमान कृष्णगोपाल पाठक, वंदना पाठक,संजय पाठक, प्रतिभा पाठक (भोपाल) मोहित चौरसिया, सरोज चौरसिया (छिंदवाड़ा), रहे जिन्होंने पादुका पूजन भी किया और पूज्य महाराजा श्री का आशीर्वाद लिया
मंच पर शाम्भवी नेमा ने गंगा जी की वंदना अछत शुक्ला ने भजनो की प्रस्तुति दी इनके साथ ही गुरुकुल,संस्कृत विद्यापीठ के श्रेयांश शर्मा ने भजनों की प्रस्तुति की।
मंच पर प्रमुख रूप से, शंकराचार्य महाराज की निजी सचिव चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द , ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री , गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री , ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप *दंडी स्वामी  अमरिसानन्द ,ब्रम्हचारी राघवानंद  ,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन  अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द  ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंडित आनंद तिवारी अन्नू भैया सोहन तिवारी सुनील शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी,राकेश नेमा,आशीष तिवारी नीलमणि पटैल केजरीवाल,परम पटैल लक्ष्मी ठाकुर बद्री चौकसे,नारायण गुप्ता ,जगदीश तिवारी,अरविंद पटैल, अजय विश्कर्मा,कपिल नायक सहित श्री मद भागवत पुराण का रस पान करने बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही सभी ने कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया भागवत भगवान की कथा आरती के उपरांत महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया।

 

Share Now

Leave a Response