नई दिल्ली:श्रीमद्भागवत महापुराण केवल एक पोथी में ही नहीं, अपितु हम सबके जीवन व्यवहार में भी सदा से सम्मिलित रही है। इसमें निबद्ध धर्म केवल कहने और सुनने के लिए नहीं अपितु अपनाने के लिए भी है। यही कारण है कि हम और आप सब बिना जाने भी भागवत में वर्णित अनेक नियमों का पालन करते आ रहे हैं।
उक्त उदगार उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ ने चातुर्मास्य प्रवचन के अवसर पर कही।
उन्होंने राजा पृथु की कथा सुनाते हुए कहा कि पृथु ही सर्वप्रथम ऐसे राजा हुए जिन्होंने ग्राम, नगर एवं पुर की रचना रची। इन्होंने ही पृथ्वी से अन्नादि को उगाने की प्रक्रिया आरम्भ की। अपने राज्य की प्रजा को एकत्रित कर खडे होकर सभी को सन्तुष्ट करने वाली वाणी से सम्बोधित किया।
आगे कहा कि भागवत के इसी नियम के आधार पर आज भी यह देखा जाता है कि राजनेता जब भी भाषण देते हैं तो खड़े होकर और आचार्य जब भी बोलते हैं तो आसन पर बैठकर धर्म की बात बोलते हैं।
पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी के प्रवचन के पूर्व , पूज्य शंकराचार्य जी महाराज जैसे ही पंडाल पर पहुंचे वैसे ही गुरुकुल के छात्रों के द्वारा हर हर महादेव एवं जय जय गुरुदेव के नारे लगे पूज्य पाद शंकराचार्य जी महाराज ने ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य महाराज के तैल चित्र पर पूजन अर्चन किया उसके, पश्चात आज श्री मद भागवत कथा के यजमान बिरधीचन्द सूर्यवंसी, श्रीमती केशर बाई सूर्यवंसी(बरघाट),श्री मति संध्या चौकसे,(इंदौर) रामनारायण पटैल, श्री मति विनीता पटैल गोटेगांव,रामकुमार श्रीमति रमा पटैल छोटी सिमरी, रहे जिन्होंने पादुका पूजन भी किया और पूज्य महाराजा श्री का आशीर्वाद लिया
मंच पर भजनों की प्रस्तुति नीलेश दुबेदी एवं उनकी मंडली ने भजनो की प्रस्तुति दी इनके साथ ही गुरुकुल,संस्कृत विद्यापीठ के सुजल पांडे,पुनीत मिश्रा,ने भजन एव आरती की प्रस्तुति दी वही यस पांडे,भूपेंद्र दीक्षित ने वेदपाठ किया
मंच पर प्रमुख रूप से, शंकराचार्य महाराज की निजी सचिव चातुर्मास्य समारोह समिति के अध्यक्ष *ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, गुरुकुल संस्कृत विद्यालय के उप प्राचार्य पं राजेन्द्र शास्त्री जी, ब्रह्मचारी निर्विकल्पस्वरूप जी*दंडी स्वामी अमरिसानन्द जी ,आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संयोजन *श्री अरविन्द मिश्र* एवं संचालन *ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द जी ने किया, परमहंसी गंगा आश्रम व्यवस्थापक सुंदर पांडे* ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रम्हचारी राघवानंद, पंडित आनंद तिवारी अन्नू भैया सोहन तिवारी सुनील शर्मा रघुवीर प्रसाद तिवारी राजकुमार तिवारी
इंद्र भषण सिंह मानेगांव,नागेंद्र भूषण सिंह,राघवेंद्र सिंह,विमलेश राजपूत,चंदन सिंह राजपूत,राकेश नेमा,आशीष तिवारी नीलमणि पटैल केजरीवाल,परम पटैल लक्ष्मी ठाकुर बद्री चौकसे,नारायण गुप्ता ,जगदीश तिवारी,अरविंद पटैल, अजय विश्कर्मा,कपिल नायक सहित श्री मद भागवत पुराण का रस पान करने बड़ी संख्या में गुरु भक्तों की उपस्थिति रही सभी ने कथा का रसपान कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाया भागवत भगवान की कथा आरती के उपरांत महाभोग प्रसाद का वितरण किया गया