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अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री ने कहा “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का फैसला युग बदलने जैसा है…”

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नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्‍ली स्थित प्रगति मैदान के अंतरराष्‍ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्‍मेलन केंद्र परिसर  ‘भारत मंडपम’ में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत मंडपम में पहला कार्यक्रम शिक्षा का हो रहा है, ये बेहद खुशी की बात है. ये शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने और देश का भाग्य बनाने की सर्वाधिक ताकत है. आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है.प्रधानमंत्री ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त भी जारी की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आप सभी इस व्यवस्था के प्रतिनिधि हैं, ध्वजवाहक हैं. इसलिए अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है. विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है. मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. इससे पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभागृह में हुआ था. इस बार ये समागम दिल्ली के इस नवनिर्मित भारत मंडपम में हो रहा है और खुशी की बात यह है कि विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के बाद ये पहला कार्यक्रम है. खुशी इसलिए और भी बढ़ जाती है कि पहला ही कार्यक्रम शिक्षा से जुड़ा है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल भी पूरे हो रहे हैं. देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया. मैं आज उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, उनका आभार प्रकट करता हूं. जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं. 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था, लेकिन आप सभी ने एनईपी को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, और खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया ये वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है.

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