
रायपुर:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम कुंभ कल्प और शिबरीनारायण मेले की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 12 फरवरी से महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर प्रारंभ हो रहा राजिम कुंभ कल्प न केवल छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत संगम भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राजिम, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का प्रयाग’ कहा जाता है, सदियों से श्रद्धालुओं और संत समाज के लिए आस्था का केंद्र रहा है। राज्य सरकार ने राजिम माघी पुन्नी मेले को पुनः उसके मूल स्वरूप में प्रतिष्ठित करते हुए “राजिम कुंभ कल्प” का नाम दिया है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन का महत्वपूर्ण प्रयास है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम कुंभ कल्प के स्वागत के लिए तैयार है। राजिम कुंभ कल्प में संत-समागम, धार्मिक प्रवचन, लोक संस्कृति के विविध रंग और आध्यात्मिक चेतना की अनूठी झलक देखने को मिलेगी।