दिल्ली:भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा बटेंगे तो बाँटने वाले महफ़िल सजायेंगे पर बहस हो रही है, हमारी संघ की ये सोच आज की नहीं है बहुत पुरानी है, बचपन में पंक्तियाँ गाया करते थे कि,हो गये हैं स्वप्न सब साकार कैसे मान लें हम।
राष्ट्र को सब लोग भूले स्वार्थ है युग मंत्र सारा।
प्रान्त भाषा भेद की है बह रही नित कलुष धारा।
इस अमा के तिमिर को ही अरुणिमा क्या मान लें हम
हो गये हैं स्वप्न सब साकार कैसे मान लें हम।
इसलिए हम एकता की बात आज से नहीं समय से कर रह रहे है, और होन्सबोले जी ने जो कहा है वो सकारात्मक सोच है कि हिंदुओं की एकता राष्ट्र के विकास और सामाजिक चेतना के लिये आवश्यक है।
उन्होंने कहा यही बात है तो जब इंडी गठबन्धन बना तो कहा जा रहा था विपक्ष का वोट बँटे नहीं वोटो में बिखराव न हो इसलिए इंडी गठबंधन बना है, हम उनसे पूछना चाहते है कि समाजवादी पार्टी उत्तरप्रदेश और डीएमके में कौनसा वोट कॉमन है जो बटना नहीं चाहिए, शरद पवार महाराष्ट्र और ममता बनर्जी बंगाल कौनसा वोट कॉमन है जो बंटना नहीं चाहिए, आरजेडी हो या तेलंगाना वोट बिहार का वोट हो टा मुस्लिम लीग कौनसा वोट था जो बंटना नहीं चाहिए? कमलनाथ जी ने कहा था सभी मुस्लिम वोट हमें मिले बंटने नहीं चाहिए, उन सब की मुस्लिमों में न बंटने की माँग जायज़ है मगर हम हिंदुओं को जात पात में न बटने की माँग करे तो ग़लत, ये दोहरी मानसिकता है ।