बीजापुर:नायक फ़िल्म के अभिनेता की तरह कार्यशैली के अनुराग पाण्डेय कलेक्टर पद से सेवानिवृत्त हो गए।लेकिन आने वाले पीढ़ी के लिए एक संदेश छोड़ गए कि दृढ़ संकल्प के सामने उम्र, समय सीमित संसाधन बेमानी है। धुर नक्सली एरिया में सुदूर गांव तक शासन की योजनाओं को किसी ने पहुचाने का बीड़ा लिया, वो कलेक्टर अनुराग पाण्डेय रहे।बीजापुर में रेलवे लाइन की किसी ने बात कर रिकॉर्ड समय मे केंद्रीय स्वीकृति उसका श्रेय अनुराग पाण्डेय। नक्सलियों के उन्मूलन की दिशा में भी पहली बार पुलिस अधीक्षक के साथ कलेक्टर की बात की गई,वो भी अनुराग पाण्डेय।आए दिन नक्सलियों के बीजापुर बंद आह्वान पर विराम लगाया, वो भी अनुराग पाण्डेय, जीवनदायिनी इंद्रावती के आरती पूजन की शुरूआत, अनुराग पाण्डेय।ऐसे कितने कार्यों की फेहरिस्त की लिखना मुश्किल। विपक्षी पार्टी के विधायक को बोलना पड़ा, कि बीजापुर को ऐसे कलेक्टर पहले क्यों नही मिला।
नई सरकार ने उन्हें जनवरी में प्रदेश में क्षेत्रफल में सबसे बड़े जिले की जिम्मेदारी दे कलेक्टर बनाया।और लगभग 250 दिनों में बीजापुर के जनमानस में एक छाप छोड़ गए दशकों में एक कलेक्टर हुए,अनुराग पाण्डेय। बीजापुर में आमजनों सहित विभिन्न संस्थाओं ने अभूतपूर्व बिदाई समारोह का आयोजन किया,जिसके साथ एक स्वर्णिम अध्याय पर विराम लग गया।लोगो ने उन्हें स्वस्थ उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।