नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि गेहूं के MSP में 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री इस “बड़ी” बढ़ोतरी के लिए श्रेय ले रहे हैं। लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है। यह सरकार के गेहूं भंडार के एकदम ख़ाली होने के कगार पर पहुंचने के कारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि दरअसल सच्चाई यह है कि यह पहली बार नहीं हुआ है जब गेहूं के MSP में इस तरह 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। MSP में बढ़ोतरी पहले भी हुई है और इससे काफ़ी ज़्यादा हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में गेहूं के MSP में 119% की बढ़ोतरी हुई थी जबकि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सिर्फ़ 57% हुई है।लेकिन अभी MSP का बढ़ना, जो कि एक आवश्यकता है, उसे भी प्रधानमंत्री उपकार के रूप में पेश कर रहे हैं।और संयुक्त किसान मोर्चा की MSP के लिए कानूनी गारंटी की मांग का क्या हुआ? यह तो ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण है जब प्रधानमंत्री के मित्रों द्वारा निजी खरीदारी बढ़ती जा रही है।और मध्यप्रदेश में सोयाबीन MSP से नीचे क्यों बिक रहा है और सरकार सस्ते खाद्य तेल का आयात क्यों कर रही है, जो इस साल 17 मिलियन टन को पार करने जा रहा है – अब तक का सबसे ज़्यादा ?
इन सवालों पर प्रधानमंत्री चुप्पी कब तोड़ेंगे?