नई दिल्ली:ओडिशा रेल हादसे में भले ही मृतकों की संख्या 294 बताई जा रही हो लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह संख्या काफी बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी मलबे में कई अंग और शव दबे हुए हैं। शनिवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के बीच भी मीडिया के सामने बहस देखी गई है। ममता ने दावा किया है कि स्थानीय चश्मदीदों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 500 तक जा सकती है। ममता को टोकते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यह संख्या 238 है।
हादसे में मरने वालों के शव पास के एक स्कूल में रखे गए है। क्लासरूम और स्कूल के हॉल में शवों का ढेर है। उनकी शिनाख्त के लिए लोगों की लंबी कतार है। कई शव टुकड़ों में हैं। तो कुछ बिजली के झटकों के कारण बुरी तरह जले हुए हैं। ऐसे में इनकी पहचान कर पाना बड़ी चुनौती है। शवों की पहचान के लिए जमा हुए रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। मुर्दाघर बन चुके स्कूल में जमा हुए लोगों में कई पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से भी हैं। बताया जा रहा है कि शवों की शिनाख्त में लंबा वक्त लग सकता है क्योंकि ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का भी निर्णय लिया है।