रायपुर: सरकार किसानों से पूरा धान नहीं खरीदना चाह रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों से धान खरीदी में बहाने बाजी शुरू कर चुकी है। सरकार ने बीज उत्पादक किसानों से धान नहीं खरीदने का निर्देश जारी किया है। सरकार द्वारा धान खरीदी केन्द्रो पर बीज उत्पादक किसानों, चाहे वो बीज निगम के हो या निजी बीज उत्पादन संस्थानो के हो। उन पंजीकृत किसानों का धान सोसायटी के माध्यम से नहीं खरीदने का आदेश पारित कर दिया गया है और उन किसानों की सूची सोसायटी के सामने चस्पा कर दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार का यह निर्णय गलत और किसान विरोधी है। बीज उत्पादक किसान जिनके पास 1, 2, 5, 10 हेक्टेयर भूमि है। वो किसान सिर्फ 1 हेक्टेयर या 2 हेक्टेयर का पंजीयन बीज उत्पादक प्रक्रिया केन्द्रों में किया है, बाकी शेष भूमि का पंजीयन पूर्व में सोसायटी में कर रखा है। मगर यह आदेश कुल रकबे पर पारित कर दिया गया है। किसानो अपने उस रकबे को जो बीज उत्पादक में पंजीकृत किया है। उसे छोड़कर बाकि उत्पादन सोसायटी में विक्रय करने का पात्र है। अतः शेष रकबे का भी धान खरीदी होनी चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दुर्भावना के चलते छत्तीसगढ़ के किसान व्यथित हैं। हरहुना धान की 80 प्रतिशत कटाई पूर्ण हो चुकी है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों और संग्रहण केंद्रों में अभी तक समुचित मात्रा में बारदाने की व्यवस्था नहीं है, टोकन का अता पता नहीं, तौलाई जानबूझ कर बाधित की जा रही है। इसी तरह की अव्यवस्था के चलते परिवहन के अभाव में पिछली खरीफ सीजन का लगभग 26 लाख क्विंटल धान पिछले 10 माह में खराब हो गया, जिससे समितियो को सीधे तौर पर 1037 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। साय सरकार की दुर्भावना के चलते ही, सहकारी समितियों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के किसान अपना धान बेच सके इसीलिए यह सरकार तरह-तरह से अड़ंगेबाजी कर रही है।