बीजापुर। वर्षों से माओवादियों का दंश झेल रहे पीड़ितों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने लाभान्वित किया तथा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया यह तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के विशेष प्रयास के कारण ही संभव हो सका।मुख्यमंत्री ने आज नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के 70 आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश पत्र सौंपा।
बीजापुर जिले में कांग्रेस सरकार बदलने के तत्काल बाद आईएएस अनुराग पाण्डेय कलेक्टर बन कर आए और माओवादी प्रभावित क्षेत्र में विकास के द्वार खोले। कई पहुंच विहिन स्थानों में सड़क पुल पुलियों का निर्माण किया तो माओवादियों से प्रभावित परिवार की सुधि भी ली। कलेक्टर ने विष्णु देव साय सरकार की नियद नेल्लानार जैसी योजनाएं लागू कर माओवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास के द्वार खोले। श्री पांडेय ने सभी विभागों से माओवाद से प्रभावित लोगों की सूची बनाने को प्राथमिकता से लिया और इतना ही नहीं इन 70 लोगो को शासकीय नौकरी देने की योजना पर काम भी किया जोकि नवरात्रि के दूसरे दिन पीड़ितों को अनुकंपा नियुक्ति दिया गया। बीजापुर में नौ महीनों के भीतर वह काम किया जिसकी विपक्षी दल भी सराहना करने से नहीं थकते हैं।
जब कलेक्टर की सेवानिवृत्ति हुई तो सभी समाजों ने उन्हें अश्रुपूरित बिदाई दी तथा उज्जवल भविष्य की कामना की। बीजापुर माओवाद प्रभावित क्षेत्र है तथा शासन- प्रशासन इन क्षेत्रों में जाने से कतराती हैं किंतु तत्कालीन कलेक्टर पांडेय ने जान की परवाह किए बिना उन क्षेत्रों का दौरा तथा विकास के द्वार खोले। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डां रमन सिंह ने तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पांडेय के कम समय में किए कार्य की तारीफ किए जिसमें कलेक्ट्रेट के बाहरी व भीतरे साज सज्जा की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की और इसे देख कर कहा जा सकता है बीजापुर सही दिशा में जा रहा है।