रायपुर:। यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के द्वारा दिये गये बयान कांग्रेस की नक्सलवादियों से सांठगांठ है पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आदित्यनाथ का बयान बेतुका और झूठा है। सारा देश और छत्तीसगढ़ जानता है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की पोषक तो भाजपा रही है, जिसके 15 सालों के छत्तीसगढ़ के शासन काल में नक्सलवाद बस्तर के 3 ब्लॉको से निकल कर राज्य के 14 जिलों तक पहुंचा, यहां तक तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के गृह जिले तक पहुंच गया था। कांग्रेस सरकार के पांच सालों में तो नक्सलवादी घटनाओं में 80 प्रतिशत तक कमी आई थी तथा राज्य में शांति की बहाली हुई थी। भाजपा के नेताओं और नक्सलियों का नाता पुराना है। 15 सालों के रमन सरकार के दौरान भाजपा के अनेक बड़े नेता नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के अंग बन गये थे। भाजपा नेता नक्सलियों को सामाग्री पहुंचाते थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस से ज्यादा नक्सलवाद के दंश को कौन जान सकता है? भाजपा के नक्सलियों से सांठगांठ के कारण कांग्रेस ने अपने 31 नेताओं को खोया है। यदि उस समय भाजपा की सरकार ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा दिया होता तो कांग्रेस का इतना बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ता। इस घटना के बाद भाजपा की सरकारों ने पूरा प्रयास किया कि झीरम नरसंहार की जांच न हो इसके गुनाहगारो के नाम सामने नहीं आये। कांग्रेस की सरकार ने जब झीरम की जांच के लिये एसआईटी बनाया तो उस जांच को रोकने एनआईए से फाईल नहीं देने दिया। भाजपा के नेता झीरम की जांच रोकवाने हाईकोर्ट की शरण में गये, यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि भाजपा का नक्सलियों से प्रगाढ़ रिश्ता है।
आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार संबंधी बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 40 प्रतिशत एडवांस कमीशन की सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री के मुंह से भ्रष्टाचार की बातें हास्यास्पद लगती है। देश की सबसे बड़े चुनावी घोटाले इलेक्ट्रोरल बांड घोटाले के बाद भाजपाई घोटाले के बारे में न बोलें तो ही बेहतर है। अडानी की शेल कंपनियों में किनके 20 हजार करोड़ रू. लगे थे सारा देश आज भी जानना चाहता है। देश भर के भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं की शरणगाह बनी, भाजपा के नेता जब भ्रष्टाचार पर बात करते है तो जनता को मुंह चिढ़ाने के समान लगता है।