बालोद:यह कहानी जिले के गुरूर विकासखण्ड के छोटे से गांव खैरवाही की है। जहाॅ सीमित अवसरों और संसाधनों के बीच गांव की कुछ महिलाओं ने अपने घर की चारदिवारी से निकलकर अपने जीवन की कहानी को एक नया मोड़ दिया है। इन महिलाओं ने सब्जी बाड़ी के कार्य को चुनकर अपने जीवन को आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की राह पर लाया है। ग्राम खैरवाही की कमला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने गाॅव में की जा रही पारम्परिक रूप से धान की खेती से हटकर सब्जी बाड़ी के कार्य को चुना। जिससे उन्हें अब प्रतिमाह बेहतर आय अर्जित हो रहा है, वे अब अपनी जरूरतों के साथ ही घर का खर्च भी वहन करने में सक्षम हुई हैं। कमला स्वसहायता समूह की श्रीमती सीता साहू ने बताया कि उनके समूह में कुल 10 महिलाएं हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर अपने समूह को सशक्त बनाने का कार्य किया है।

ब्रेकिंग
- कलेक्टर ने कहा , सभी प्राचार्य जवाबदेही और टीमवर्क के साथ काम करें
- रजिस्ट्री के नये नियमों से फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश, रिकॉर्ड भी होगा तत्काल अपडेट
- जो सरकार अच्छा काम करती है वह आम जनता के बीच जाने से नहीं कतराती :मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री के कड़े तेवर: लापरवाह अधिकारियों पर गिरी, गाज
- राज्यपाल से छत्तीसगढ़ टेरियर्स के कमांडिंग ऑफिसर ने सौजन्य भेंट की