दंतेवाड़ा:छत्तीसगढ़ राज्य का एक आकांक्षी जिला है। जो कि अन्य मैदानी क्षेत्रों से पिछड़ा हुआ है। यहां मुख्यतः आदिवासी निवासरत हैं, जिनमें अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के वर्ग हैं। जिले के ज्यादातर निवासियों के आय का मुख्य स्रोत कृषि है। ये रहवासी वन संपदा जैसे कि- महुआ, इमली, आम, तेंदूपत्ता, बास, टोरा, मौसमी सब्जी, जंगली कंद, फल, विभिन्न प्रकार के मशरूम इत्यादि पर निर्भर रहते हैं। यहां मुख्यतः ग्रामीणों के आय का मुख्य स्रोत खेती है। लेकिन इन सब के अतिरिक्त दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के कुछ अंदरूनी गांव माओवाद से प्रभावित हैं जिसके कारण सरकार की बहुत सारी योजनाएं पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाती है। इसी तरह माओवाद से प्रभावित एक ऐसा गांव है जो कि जल जीवन मिशन योजना की उपयोगिता और शुद्ध पेयजल के महत्व को समझने के बाद योजना के क्रियान्वयन में यहां के ग्रामीणों ने आगे बढ़कर सहयोग कर जल जीवन मिशन योजना को शत-प्रतिशत पूरा करवाया है।