रायपुर:देश के आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों पर जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों को रोकने में केंद्र और राज्य सरकारों की विफलता के खिलाफ हजारों आदिवासी 25 सितंबर को दिल्ली में धरना देंगे। इस धरना में छत्तीसगढ़ से भी सैकड़ों किसान हिस्सा लेंगे।
यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति में अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष जवाहरसिंह कंवर और सचिव कपिल पैकरा ने दी। उन्होंने कहा कि किसान सभा ही एकमात्र ऐसा संगठन है, जो जंगली जानवरों के हमले की समस्या को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर अभियान और आंदोलन चला रही है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के कारण देश के जंगल उजड़ रहे हैं और वन्य पशुओं के प्राकृतिक आवास बर्बाद और तबाह हो रहे हैं। खनिज खनन से हो रहे धमाकों के कारण बिफरकर वे वनों में रहने वाले आदिवासियों पर हमला कर रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार वन्य पशुओं के संरक्षण और अभयारण्यों के नाम पर आदिवासियों को जंगल से विस्थापित कर रही है। इस प्रकार, कॉरपोरेट लूट के चलते जंगली जानवरों और आदिवासियों दोनों का जीवन-अस्तित्व खतरे में है, जबकि हजारों सालों से दोनों का वनों में सह-अस्तित्व रहा है।
उन्होंने कहा कि वन्य पशुओं के संरक्षण और आदिवासियों के जीवन की रक्षा के लिए मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ लड़ना होगा। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक आदिवासी इस कॉर्पिरेट लूट के चलते उजड़ रहे जंगलों के कारण जंगली जानवरों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। इन हमलों से आदिवासियों के जीवन को बचाने की आवाज बुलंद करते हुए सैकड़ों किसान और आदिवासी 25 सितंबर को आयोजित धरने में हिस्सा लेंगे।