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Friday, September 20, 2024
प्रदेश

क्या दक्षिण से बृजमोहन किसी एससी, एसटी की उम्मीदवारी की सिफारिश करेंगे?:दीपक

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रायपुर:। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से यह पूछने की किसी एससी, एसटी, ओबीसी को नेता प्रतिपक्ष क्यों नहीं बनाया पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बृजमोहन सहित पूरी भाजपा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा संसद में उठाये जा रहे जनहित के मुद्दो से तिलमिला जाती है। राहुल गांधी संसद में देश के मजदूरों, किसानों, एससी, एसटी, ओबीसी, महिला ओबीसी की आवाज बुलंद कर रहे है तो भाजपा को पीड़ा हो रही है। बौखलाहट में भाजपा के सांसद अनर्गल बयानबाजी करने लगते है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को एससी, एसटी, ओबीसी की इतनी ही चिंता है तो वे बताये के भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस में आज तक किसी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग को संघ प्रमुख क्यों नहीं बनाया गया? संघ में जितने भी प्रमुख बनाये गये वे सारे के सारे रज्जू भैया को छोड़कर सभी एक ही समुदाय से क्यो थे? संघ में दूसरे समाज के लोगों को संघ प्रमुख क्यों नहीं बनाया जाता बृजमोहन इसका जवाब देंगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बृजमोहन 35 सालों से रायपुर शहर दक्षिण से विधायक चुने जाते रहे है। अब वे सांसद बन चुके है। उनके सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण की जो विधानसभा सीट खाली हुई है क्या बृजमोहन वहां से किसी एससी, एसटी समुदाय के व्यक्ति को भाजपा का उम्मीदवार बनाने की सिफारिश करने का साहस दिखायेंगे?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को कांग्रेस पर उंगली उठाने से पहले कांग्रेस के इतिहास को देख लेना चाहिए। आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने संगठन के प्रमुख पदों पर एवं सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल तक एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के लोगों को जिम्मेदारी दी है। आज भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एससी समुदाय से आते है। कांग्रेस ने हर वर्ग को नेतृत्व का अधिकार दिया है हर वर्ग की आवाज उठाया है बृजमोहन अग्रवाल तो उस कमेटी के सदस्य थे जहां एससी, एसटी वर्ग के आरक्षण को खत्म करने के लिए नीतियां बनाई जा रही थी। बृजमोहन अग्रवाल को एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग की चिंता है तो राजभवन में अटके 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पर नए राज्यपाल से हस्ताक्षर करवा कर बताएं।

 

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