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Tuesday, September 17, 2024
दुनिया

 दक्षिण अफ्रीका की पारी का सत्रहवाँ ओवर याद करिए

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रायपुर: दक्षिण अफ्रीका की पारी का सत्रहवाँ ओवर याद करिए,चौबीस गेंद में केवल छब्बीस रन बनाने थे और उनके पास थे छह विकेट, क्रीज़ पर जो बल्लेबाज थे वे धुंआधार खेल रहे थे, क्या उस अफ्रीका के समर्थकों को जीत स्पष्ट नहीं दिख रही होगी?
क्या उस समय हमको आपको हार नहीं दिखने लगी थी?मैंने देखा, मेरे ही मित्रों ने कई ग्रुप पर भारत की हार घोषित कर दी और अपनी भड़ांस निकालने लगे थे, यह स्वभाविक था, सबको ऐसा ही लगने लगा था, मैं भी मन ही मन स्पीनर्स को गाली देने लगा था, बस एक हल्की सी उम्मीद थी कि कुछ हो जाय तो मजा आ जाय…
वही विशुद्ध भारतीय भाव, “जै हनुमान जी, दिखाइए न अपनी लीला…” वाला टिपिकल देहाती भाव, हर हर महादेव,,जय श्री राम,,ठीक उसी समय अफ्रीका का एक विकेट गिरा और जैसे हार के जबड़े से छूट कर जीत निकल आई, बुमरा और पांड्या अपनी लय में लौट आये, सूर्य कुमार सौ सालों तक याद रखा जाने वाला कैच लोक लिए, और झटके में रंग बदल गया,जिन्दगी ठीक ऐसे ही रंग बदलती है दोस्त, बस भरोसा रखना होता है, अपने कर्म पर भरोसा रखने से बल मिलता है तो कर्म पर रखिये, यदि ईश्वर पर भरोसा रखने से बल मिले तो देवी देवता को सुमिरन कीजिए, पर भरोसा रखिये कि दिन पलटेंगे… ईश्वर हर रोहित शर्मा को कभी न कभी यह सोलहवाँ ओवर जरूर देता है,हर सूर्य कुमार यादव के पास कभी न कभी वह गेंद जरूर आती है जिसे लपक कर वह इतिहास बना देता है,अब साउथ अफ्रीका की सोच लीजिये, क्या खूब खेले थे वे… एक बार तो उनके विरोधियों को भी उनकी जीत स्पष्ट दिखने लगी थी, पर यही सोलहवाँ ओवर उन्हें लूट ले गया, तो भाई साहब, कभी कभी जीवन में यह सोलहवाँ ओवर सब कुछ लूट ले जाने के लिए भी आता है, सब दिन हरियाली ही थोड़ी रहती है, बात बस यह है कि यह सब आता जाता रहता है, हार जीत होती रहती है और जिन्दगी चलती रहती है,
तो कुल मिला कर बात यह कि जिन्दगी पर भरोसा रखिये, पूरे टूर्नामेंट में फेल रहने वाला कोहली भी फाइनल में मैन ऑफ द मैच बन सकता है, समय आपको जिसदिन चाहेगा, हीरो बना देगा,रोहित विराट और द्रविड़ की इससे बेहतर विदाई नहीं हो सकती थी, और जिस शानदार तरीके से नए लड़कों को राजपाट सौंप कर वे स्वयं किनारे हो गए हैं, वह उन्हें और बड़ा बनाता है, आओ लड़कों, उठाओ देश का झंडा और लिखो नया इतिहास, हम अपने हिस्से की खेल चुके… यही है असली खिलाड़ी वाला भाव,हम जीत गए, जीत की खुशी क्या होती है कोई आज इस देश से पूछ भर ले, ये आँखे बरस पड़ेंगी, पिछले कुछ बरस से विश्व चैंपियन बनने के इतने करीब आकर भी असफलता ने हमे चुना था कि अब सब चाहें जितना शानदार चल रहा हो मन को एक डर लगा रहता था कि कहीं अंत में तो… लेकिन अब अंत इतना शानदार है बरसों की कसक पानी बनकर आँखो से बह गई,रोहित शर्मा कहा कि वो मैच से पहले की रात सो नही पाए, पूरी टीम की मैच से पहले की रात सरल तो नही रही होगी..कोहली के जहन में अपने आखिरी टी ट्वेंटी मैच में कुछ करने की बेचैनी होगी.. बुमराह ने अपनी गोल्डन आर्म्स को एक नज़र निहारा होगा.. अक्षर ने कलाई मोड़ी होगी तो अर्शदीप ने वाहे गुरू जी की फतेह जरूर सुमिरा होगा,आख़िर ये दिन भी आया.. हम लड़े और जीते,करोड़ों भारतीयों की नींद जीत से जुड़कर जश्न में बदल गईं, कोहली और रोहित दो अविश्वसनीय खिलाड़ियों ने आज भीगी पलकें और उमड़ते जज्बातों के बीच गले लगकर अपनी बरसों की क्रिकटिंग यात्रा के अविस्मरणीय क्षणों को जिया,सिखा दिया इन लड़ाकों ने कि सपने सिर्फ देखो नही बल्कि उन्हें जियो,खुद वो उनके लिए ऐसे समर्पण करो कि जीवन की बाकी चीजें बहुत महीन नजर आने लगे,असीम हिम्मत और अटूट जज्बे से यह गढ़ जीता गया है, हम सबके लिए सबक कि अपने खेल को अपने ढंग से खेलो और सर्वोत्तम तुम्हारी प्रतीक्षा में है,कल कोई बच्चा आधे घंटे ज्यादा प्रैक्टिस करेगा..किसी कोहली और रोहित ने आज उसके लिए अपनी जगह छोड़ दी,तो कुल मिला कर बहुत बहुत बधाई सबको…

( सोशल मीडिया में वायरल संदेश)

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