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Tuesday, September 17, 2024
दुनिया

आज से शुरू हो गया नौतपा – स्वामी ब्रह्मविद्यानंद सरस्वती

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रायपुर:नौतपा (Nautapa) गर्मी के मौसम से जुड़ा एक शब्द है जिसका अर्थ होता है “नौ दिनों की भीषण गर्मी ” ! हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य देव आज, 25 मई को,  सुबह ब्रह्म मुहूर्त के करीब 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गए। यह 8 जून की दोपहर 1.16 बजे तक यहां रहेंगे। बाद में वह मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में नौतपा आज, 25 मई, से शुरू होकर 2 जून तक चलेगी। बता दें कि नौतपा ग्रीष्म ऋतु की सबसे अधिक गर्मी वाला दिन होता है। बढ़ती गर्मी मनुष्यों के लिए तो असहनीय हो ही जाती है। इसी के साथ प्रकृति पर भी प्रचंड गर्मी का प्रभाव पड़ता है। नौतपा अगर न तपे तो क्या होता है?
“लोकसंस्कृतिविद दीपसिंह भाटी ” बताते हैं कि लू तो बेहद जरूरी है। अगर प्रश्न करते हैं, ‘क्यों’ तो वे जवाब देते हैं !

‘दो मूसा, दो कातरा, दो तीड़ी, दो ताव।
दो की बादी जल हरै, दो विश्वर दो वाव।

अर्थात: ’नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे। अगले दो दिन न चली तो कातरा (फसल को नुकसान पहुँचाने वाला कीट)। तीसरे दिन से दो दिन लू न चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। चौथे दिन से दो दिन नहीं तपा तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन लू न चली तो विश्वर यानी साँप-बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। आखिरी दो दिन भी नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसलें चौपट कर देंगी।

शास्त्रों में इस दौरान पेड़-पौधे लगाने और इसकी सिंचाई करने के महत्व के बारे में बताया गया है। इस समय वृक्षारोपण करने से बहुत पुण्य मिलता है। वहीं जीवनकाल में पेड़-पौधे लगाने से मरने के बाद नरक का मुख भी नहीं देखना पड़ता है।इस दौरान जल, दही, दूध, नारियल पानी और ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए और साथ ही, अगर संभव हो तो,  इन वस्‍तुओं का दान भी करना चाहिए।

नौतपा में लगाएं ये पेड़ पौधे ….
तुलसी (Tulsi) : तुलसी का पौधा हर हिंदू घर में जरूर होता है। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है और नियमित रूप से इसकी पूजा की जाती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक मान्यता है कि जीवनकाल में हर व्यक्ति को तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए। इससे मरणोपरांत बैकुंठ की प्राप्ति होती है।

केला (Banana) :  धार्मिक मान्यता है कि केले के पेड़ में श्री हरि, मां लक्ष्मी और गुरुदेव बृहस्पति का वास होता है। इसलिए इस पेड़ का प्रयोग शुभ और मांगलिक कार्यों में किया जाता है। इसलिए आप नौतपा के दौरान केले का पेड़ भी जरूर लगाएं।

आंवला (Amla) : मान्यता है कि आंवले के जड़ में भगवान विष्णु का निवास है। इसलिए नौतपा के दौरान आंवला का पेड़ भी जरूर लगाएं। इससे भगवान विष्णु के साथ ही लक्ष्मी जी की भी कृपा बरसती है।

आम (Mango) : आम का पेड़ लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

करी पत्ता (Curry Leaves) : इसे मीठा नीम भी कहा जाता है। इन दिनों करी पत्ते का पौधा भी लगाना शुभ माना जाता है। क्योंकि इसकी पत्तियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। अगर आप घर पर नीम का पौधा नहीं लगाएं हैं तो इसे जरूर लगाएं।

पेड़ लगाने के बाद जरूर करें सिंचाई : पुराणों से लेकर स्मृतियों में भी वृक्षारोपण के पुण्यफल के बारे में बताया गया है। नौतपा के समय पेड़-पौधे लगाकर इसकी सिंचाई भी जरूर करें। इस समय पेड़-पौधे लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि नौतपा के बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाता है और इससे पेड़-पौधों को अच्छी बारिश मिलती है, जिससे वे फलते-फूलते हैं। वहीं शास्त्रों में तो वृक्षारोपण को संतानोत्पत्ति के समान माना गया है।

वृक्षारोपण का महत्व : मनु स्मृति में कहा गया है कि पेड़-पौधे लगाने से यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है।
पद्म पुराण में बताया गया है कि यदि की दंपति को संतान नहीं है तो उन्हें पेड़ लगाना चाहिए। क्योंकि पेड़ भी संतान के समान होते हैं। वराह पुराण के मुताबिक, एक पीपल, एक नीम, एक बरगद, दो अनार, दो नारंगी, पांच आम और दस फूलों वाले पौधे लगाने से नरक से मुक्ति मिलती है। विष्णुधर्मोत्तर पुराण में बताया गया है कि वृक्षारोपण से अश्वमेध यज्ञ की तरह की पुण्य फल मिलता है।

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