बेमेतरा:किसान नेता योगेश तिवारी ने बेरला ब्लॉक के नेवनारा के एक साधारण परिवार में 27 मई 1969 को भीमसेनी एकादशी के दिन जन्म लिया। उनके पिता एक छोटे किसान के अलावा रायपुर के जनपद पंचायत में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। योगेश तिवारी बेमेतरा के पूर्व विधायक डॉ लक्ष्मण प्रसाद वैद्यराज के नाती हैं। योगेश तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा गाँव में हुई। आगे की पढ़ाई के लिए रायपुर चले गये। योगेश तिवारी चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं।
हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा पश्चात पेट्रोल ईजन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रायपुर के आटोमोबाइल कंपनी में क्लीनर से लेकर मैकेनिक के रुप में पाँच साल नौकरी की। परंतु भाग्य ने तो कुछ और ही रच रखा था और वे पृथक छत्तीसगढ़ के लिए छात्र राजनीति से जुड़ गए। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी से प्रभावित होकर योगेश तिवारी मैकेनिक का काम छोड़कर जनसेवा का संकल्प लिया और कांग्रेस के सक्रिय राजनीति में रहते हुये पुरे छत्तीसगढ़ में आंदोलनों के ज़रिये लोहा मनवा कर अपनी एक संघर्षशील दबंग युवा नेता के रुप मे पहचान स्थापित की। परिणामस्वरूप कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता से विभिन्न सांगठनिक पदों से होते प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
कांग्रेस पार्टी ने संघर्ष और दबंग छवि के चलते
2008 मे रायपुर दक्षिण में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया।विधानसभा चुनाव लड़ विपक्ष के लिए कड़ी चुनौती बन प्रदेश का ध्यान आकर्षित किया। यद्यपि चुनाव का परिणाम प्रतिकूल रहा और वे चुनाव में हार गये। मगर अपने कार्यों से एक अलग ही पहचान स्थापित की।
पिता की प्रेरणा से अपने बाबा लक्ष्मणप्रसाद बैद्य राज की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प ले जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाया और पिछले आठ सालों से बेमेतरा क्षेत्र की जनसमस्याओं और किसानों के हक़ अधिकार और विकास के लिये लगातार संघर्षरत हैं।
बेमेतरा वासियों की सेवा में सक्रिय हैं। योगेश तिवारी जनसेवा में सबसे आगे रहते हुए कोरोना महामारी में भी अपनी जान की परवाह किए बिना बेमेतरा क्षेत्र को लगातार सेनाटाईज रखा और गाँव गाँव में स्वास्थ्य शिविर लगवाए। इतना ही नहीं ग़रीबों के लिए भोजन की व्यवस्था की चिंता की। उन्होंने माटी का कर्ज चुका एक जनसेवक के रुप मे पहचान स्थापित की है। उन्हें आज भी पूरा बेमेतरा क्षेत्र सुख दुःख में अपने बीच पाता है।
जन्म दिन के मौके पर उन्हें अनंत शुभकामनाएं।