रायपुर:प्रभु श्री रामलला अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपनी सम्पूर्ण दिव्यता और आभा से सुशोभित हैं। प्राणप्रतिष्ठा के पश्चात पहली जन्माष्टमी में बस्तर के श्रमसाधकों द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए पीले खादी सिल्क से निर्मित शुभवस्त्र से सुशोभित प्रभु श्री रामलला की अलौकिक छटा दर्शनीय है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पुनीत अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ स्थल में श्रीरामलला को छत्तीसगढ़ में निर्मित पीली खादी सिल्क से निर्मित वस्त्र धारण कराना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह वस्त्र बस्तर के शिल्पियों द्वारा निर्मित है। दंडकारण्य जहां मर्यादा पुरुषोत्तम ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया, वहां से भेजा वस्त्र धारण करने का समाचार वास्तव में भावुक करने वाला है। भांचा श्रीराम की कृपा उनके ननिहाल पर बरसती रहे यही कामना है।