रायपुर:लाल झंडा झुग्गी झोपड़ी एकता संघ खदान डगनिया बस्ती की ओर से एक मई मजदूर दिवस के मौके पर झंडा फहराए और मई दिवस मनाकर आमसभा की गई। इस मौके पर देश के विकास में श्रमिकों की भूमिका एवं श्रमिकों के लिए सही श्रम नीति एवं संविधान की रक्षा जरूरी क्यों विषय पर खुली परिचर्चा खदान बस्ती में आयोजित की गई । दुनिया के पैमाने पर शोषण के खिलाफ आंदोलन के विकास पर इसमें विस्तार से चर्चा की गई । केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लंबे संघर्ष के बाद हासिल श्रम कानून को बदलने की कड़ी आलोचना करते हुए वक्ताओं ने इसे रद्द करने की मांग की । मई दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर शिकागो के शहीदों द्वारा लड़ी गई लड़ाई को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 138 साल पहले 8 घंटे के काम के अधिकार की लड़ाई आज फिर से अधिक प्रासंगिक हो गई है क्योंकि मोदी सरकार 12 घंटे काम ले इजाजत मालिकों को दे रही है। राष्ट्रीय विकास में सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका के बाद भी केंद्र सरकार के द्वारा इसके अंधाधुंध निजीकरणऔर निजी सामाजिक सभी स्तरों पर श्रमिकों के अमूल्य योगदान एवं संविधान पर डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए अधिकारों पर हमले की आलोचना करते हुए संवैधानिक अधिकारों, सामाजिक सुरक्षा 8 घंटे काम करने , स्वाभिमान की जिंदगी को हासिल करने , एवं रोजमर्रा की लड़ाई को तेज करने का सीटू राज्य सचिव कामरेड धर्मराज महापात्र ने, माकपा जिला सचिव श्रमिक आंदोलन के मुख्य साथी प्रदीप गभने , अजय कन्नोजे, माकपा जिला समिति सदस्य शीतल पटेल ने आव्हान किया । झुग्गी झोपड़ी यूनियन के नेता शीतल पटेल, ज्वाला प्रसाद देवांगन , सुरेश देवांगन, गोदावरी तारक, पुष्पा वर्मा तिलक वर्मा, तिलक देवांगन, मोहन ध्रुव, तुलसी प्रजापति ,उमा देवांगन सहित अन्य साथी गण श्रमिक दिवस उत्सव में अपने अपने विचार रखें तथा यह विचार गोष्ठी देर रात्रि 10:00 बजे तक चलती रही । इसमें आने वाले संघर्ष को और पैना बनाने संगठित होने , साम्रदायिक शक्ति को चुनाव में पराजित करने और इस चुनाव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी समझते हुए देश में मंहगाई, बेरोजगारी, किसान की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार भाजपा को हराने और एक वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए एकजुटता का संकल्प लिया
चौरा “शहर”
ब्रेकिंग
- भाजपा नेता योगेश तिवारी ने यादव समाज भवन निर्माण का किया,भूमिपूजन
- सेंटपॉल स्कूल के 1978 -83 बैच के छात्रों ने स्कूल पहुंच कर याद किये, अपने पुराने दिन
- सुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर धान उपार्जन केंद्रों में किसान सम्मान कार्यक्रम का हुआ, आयोजन
- धान खरीदी के एवज में 13.19 लाख किसानों को 14059 करोड़ रूपए का भुगतान
- महतारी वंदन: महिलाओं की सूझ-बूझ से 14 हजार रूपए एकमुश्त