रायपुर : सशक्त भारत के लिये सशक्त एल आई सी की जरूरत की आज जरूरत है क्योंकि एल आई सी ने आम जनता की घरेलू बचत एकत्र कर मजबूत भारत का आधार दिया है। उक्त बातें आल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के आव्हान पर जीवन बीमा राष्ट्रीयकरण दिवस के अवसर पर आज 19 जनवरी को देश भर मे “सशक्त भारत के लिये सशक्त एल आई सी” की थीम पर देश भर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला में रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में डाक्टर बिप्लब बंदोपाध्याय एवं धर्मराज महापात्र ने कही ।
उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी 1956 को केंद्र की तत्कालीन नेहरू सरकार द्वारा एक अध्यादेश जारी कर भारत में जीवन बीमा व्यवसाय का राष्ट्रीयकरण कर एल आई सी की स्थापना का मार्ग तैयार किया गया था l इस क्रम मेंआज रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन के द्वारा एल आई सी के मंडल कार्यालय मे एक सेमिनार संपन्न हुआ ।इसे संबोधित करते हुए प्रख्यात चिकित्सक एवं विचारक डॉ विप्लव बंदोपाध्याय ने कहा कि आजादी के बाद देश को नये रास्ते पर बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्रों की स्थापना की गई थी । इस कदम से देश मे आधारभूत संरचना के विकास के साथ ही आर्थिक संप्रभुता का रास्ता भी तैयार हुआ ।भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपनी स्थापना के बाद से अभूतपूर्व विकास करते हुए पंचवर्षीय योजनाओं सहित देश के बुनियादी क्षेत्रों के विकास हेतु प्रचुर धन राशि उपलब्ध कराई ।लेकिन आज आर्थिक उदारीकरण के दौर मे सार्वजनिक व सरकारी उद्योगों के निजीकरण के साथ ही एल आई सी के विनिवेशीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है । केन्द्र सरकार के इन कदमों से देश की आर्थिक संप्रभुता को ही खतरा पैदा हो गया है । इस देश का वाम जनवादी आंदोलन बीमा क्षेत्र मे प्रस्तावित सुधारों का कड़ाई से विरोध करते हुए आम जनता से आव्हान करता है कि राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग की हिफाजत के संघर्ष को मजबूत बनाये ।
सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के महासचिव का. धर्मराज महापात्र ने सेमिनार में विस्तार के साथ आजादी के बाद से लेकर अब तक भारत मे जीवन बीमा उद्योग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश मे 250 से ज्यादा निजी जीवन बीमा कंपनियों की लूट पाट रोकने इनका राष्ट्रीयकरण कर एल आई सी की स्थापना की गई थी ।आज एल आई सी के पास 52 लाख करोड़ से अधिक की जीवन निधि, 42 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्तियाँ तथा 30 करोड़ से अधिक पालिसी धारक है जो पूरी दुनिया के जीवन बीमा उद्योग हेतु अजूबा है । उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित बीमा संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधेयक राष्ट्रीयकृत बीमा उद्योग को कमजोर करने की कीमत पर निजी देशी विदेशी बीमा कंपनियों को आगे बढ़ाने का रास्ता तैयार करता है । उन्होंने बीमा क्षेत्र मे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने, अभिकर्ताओं हेतु कम्पोजिट लाईसेंस जारी किये जाने, निजी कंपनियों हेतु साल्वेंसी मार्जिन की सीमा मे कमी करने तथा एक ही कंपनी को जीवन व आम बीमा दोनों क्षेत्रों मे काम करने की अनुमति दिये जाने के प्रस्तावों को समूचे बीमा उद्योग के लिये हानिकारक निरूपित किया । सभा को विकास अधिकारी संघ के स्थानीय सचिव श्री आर के मीणा, आल इंडिया इंश्योरेंस पेंशनर्स एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष श्रीकांत पेंढारकर, लाईफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के मंडलीय अध्यक्ष अरुण कुमार मोदी , सचिव सतीश शर्मा तथा पेंशनर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ साथी बी के ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि एल आई सी पर जारी हमलों के खिलाफ देश भर मे आम जनता को साथ जोड़कर संयुक्त संघर्षो को आगे बढ़ाया जा रहा है और आगामी दिनों यह संघर्ष और तेज होगा ।
सेमिनार के दौरान उपस्थित समस्त अभिकर्तागणों का रायपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन की ओर से सम्मान किया गया तथा उन्हें 20 जनवरी को मेगा एवेंट्स डे पर अधिकाधिक पालिसियां प्रदान कर इस दिवस को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने का अनुरोध किया गया ।उल्लेखनीय है कि कल 20 जनवरी को भारतीय जीवन बीमा निगम मे अभिकर्ता सक्रियकरण दिवस मनाया जायेगा । इस दिन प्रत्येक अभिकर्ता से न्यूनतम एक पालिसी प्रदान करने की अपील की गई है । ऐसा अनुमान है कि देश भर मे लाखों की संख्या मे पालिसी एकत्रित कर एल आई सी एक कार्य दिवस मे सर्वाधिक पालिसी एकत्रीकरण करने का नया कीर्तिमान रचने की तैयारी कर रही है । आल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन द्वारा इस आव्हान को पुरजोर रूप से सफल बनाने का आव्हान किया गया है ।
आज के सेमिनार का सफल संचालन संगठन के महासचिव सुरेंद्र शर्मा द्वारा किया गया l संगठन के अध्यक्ष राजेश पराते द्वारा प्रस्तुत आभार प्रदर्शन के साथ सेमिनार की कार्यवाही संपन्न हुई ।