रायपुर:, सीटू के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिसमें सीटू नेता एम के नंदी , धर्मराज महापात्र, मारुति डोंगरे, राजेश अवस्थी,के के साहू शामिल थे ने आज दोपहर दुर्घटना स्थल पहुंच कर दुर्घटना स्थल का मुआयना किया तथा मौके पर मौजूद प्रबंधन के लोगों से भी चर्चा की । सीटू ने इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर की कि प्रतिनिधिमंडल को मौके पर जाने से रोका जा रहा था , इसके लिए पुलिस और प्रशासन की रोक की बात कही गई, इस पर सीटू नेता धर्मराज महापात्र ने पुलिस अधीक्षक श्री लाल उमेद सिंह से बात की और उनके हस्तक्षेप के बाद घटनास्थल का मुआयना संभव हुआ । प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल जाकर घायल मजदूरों से भी चर्चा की
प्रतिनिधि मंडल ने पाया कि छत ढलाई के लिए बनाए गए सेंटरिंग के स्ट्रक्चर में जंग लगे राड और पाइप का इस्तेमाल किया गया था, सेंट्रिंग प्लेट के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे प्लाई शीट भी बेहद जर्जर और बहुत पुरानी है । सेंटरिंग पाइप को जोड़ने के लिए नट बोल्ट का इस्तेमाल करने के बजाय पुराने और जंग लगे पतले सरिया से बांधा गया था जो सेंटरिंग को दृढ़ आधार देने में असफल रहा ।कुल मिलाकर मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रबंध नहीं किए गए थे, सातवें मंजिल के सेंट्रिंग को सीधे रेतीले जमीन पर पाइप के जरिए आधार दिया गया था , ये पाइप 30 मीटर ऊंचाई पर स्थित 900वर्ग फीट क्षेत्र को मजबूत आधार नहीं दे सकते थे । स्पष्ट है कि घोर आपराधिक लापरवाही के कारण मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इन सारी खामियों पर जब प्रबंधन से चर्चा की गई, तो चर्चा में ने माना कि, स्ट्रक्चरल फ्रेम के फैल होने से दुर्घटना हुई और स्वीकार किया कि कहीं न कहीं मानवीय भूल हुई है, अविनाश ग्रुप प्रबंधन का कहना है कि, ढलाई के काम के ठेका क्लासिक कंस्ट्रक्शन को दिया गया था अविनाश ग्रुप सारी लापरवाही का दोषी पेटी कांट्रेक्टर को ठहराने की कोशिश करते दिखे , बताया गया कि क्लासिक कंस्ट्रक्शन ने 80से 120 मजदूर लगाए हैं मजदूरों के पी एफ, ईएसआई परिचय पत्र के बारे में पूछे जाने पर प्रबंधन इसके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए ।
मृतकों को मुआवजा दिए जाने के बारे में भी बलौदा बाजार क्षेत्र के मजदूर रहमत बेग को 12 लाख 70 हजार और बलरामपुर के मजदूर पण्डो को 15 लाख मुआवजा दिया जाना बताया गया ।
प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल जाकर घायल मजदूरों से भी मुलाकात किया अस्पताल में विश्वजीत चेलक,कुलेश्वर ध्रुव,रितेश कुमार, तेजराम साहू तथा कोमल निर्मलकर का इलाज चल रहा है घायल मजदूरों का कहना है सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं था, मजदूरों को सेफ्टी गार्ड के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया सातवें मंजिल पर लगभग 40मीटर की ऊंचाई पर बिना सेफ्टी उपायों के मजदूरों से काम करवाया जा रहा था .
सीटू ने पाया कि यह घटना पूरी तौर पर सुरक्षा इंतजाम के अभाव में एक किस्म से मजदूरों की हत्या का मामला है। इस पर अभी तक एफ आई दर्ज न होने प्रदेश के सेफ्टी विभाग, श्रम विभाग की घोर लापरवाही भी जिम्मेदार है। सीटू ने इस पूरे दुर्घटना की सूक्ष्मता से जांच किए जाने, मृतकों के परिवार को न्यूनतम 50 लाख रुपए का मुआवजा देने, उनके परिवार के एक सदस्य के लिए कंपनी में स्थाई रोजगार की व्यवस्था करने, घायलों को मुफ्त इलाज और समुचित सहायता राशि देने तथा उनके काम करने लायक स्थिति में आने तक उनके परिवार की देखभाल के लिए उचित इंतजाम किए जाने, निर्माण कंपनी पर हत्या का जुर्म दर्ज करने और प्रदेश में बढ़ती औद्योगिक दुर्घटना और ऐसी दुर्घटना को रोकने सार्थक कदम उठाने तथा औद्योगिक सुरक्षा और श्रम विभाग की जवाबदेही तय कर उसे दुरुस्त करने तत्काल कदम उठाने की मांग की ।
चौरा “शहर”
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