रायपुर:सिंचाई के साधनों से जूझने वाले हम किसानों के लिए तो आसमान और सरकार ही भगवान है। बारिश अच्छी हुई तो फसल भी अच्छा होता है और अच्छी फसल होने और सरकार द्वारा अच्छी कीमत तय करने पर ही हमें अपनी मेहनत का पूरा मोल मिल पाता है। हमें खेत में उतरकर परिश्रम करना पड़ता है। पसीने बहाने पड़ते हैं, तब जाकर फसल ले पाते हैं और दाने-दाने को अलग कर इन फसलों को बेच पाते हैं। हमारी खुशी तब दुगनी होती है जब हमारी उम्मीदें पूरी होती है। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव की सरकार ने हम किसानों के मेहनत के पसीने की कीमत को समझकर धान के समर्थन मूल्य पर खरीदने की अच्छी व्यवस्था की है, जिससे हम किसान खुश है।
यह उम्मीदें तब से बनती रहती है जब से किसान खेत में हल चलाता है और उनके ऊपर जो कर्ज है, उससे मुक्त होने के लिए उम्मीदें लगाए रहता है, फसल बेचकर घर का कुछ नया सामान लाने का सपना संजोएं रहता है। यह उम्मीद, यह सपना फसल अच्छा पैदा होने और उसे सुरक्षित बेच पाने के बाद जब खाते में राशि आती है तभी खुशी के रूप में पूरी होती है…यह कहना है लगभग सत्तर साल के किसान गुलाब सिंह का। खेत से धान की फसल को लाकर मिंजाई में व्यस्त गुलाब सिंह ने बताया कि किसानों को आसमान और सरकार से ही उम्मीद रखनी पड़ती है, इस बार भी दोनों से उम्मीद पूरी हो रही है, यह बहुत खुशी की बात है।