दिल्ली:भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने एक बयान में कहा जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कन्याकुमारी मंदिर में दर्शन व ध्यान पर विपक्ष की आपत्ति का सवाल है तो निर्णय चुनाव आयोग को लेना है, पर धार्मिक आस्था में किसी के विरूद्ध प्रचार कहाँ से नज़र आता है ये समझ नहीं आ रहा।जो आज तक भारतीय संस्कृति के ख़िलाफ़ रहे और अपने को धर्मनिरपेक्ष कह कह कर अधर्म के साथ खड़े रहे उन्हें ही इसमें समस्या नज़र आ रही है।उन्होंने कहा भारत को समझने के लिए एक अलग दृष्टि चाहिए।भावनात्मक दृष्टि से भारत में कोई व्यक्ति किसी भी कोने में जाकर श्रद्धा से देवी की पूजा करता है तो वो उतर से लेकर दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक सब जगह के शक्ति पीठों से वह भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है। यह है भारत की एकात्मकता का वास्तविक आधार जो भावनात्मक हैं मात्र राजनीतिक नहीं।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि आज इसका विरोध भी वो लोग कर रहे हैं जिन्होंने बाबर की कब्र पर जाकर कई बार सजदा किया है, उन्हीं लोगों के कलेजे पर साँप लोटता है जब कोई व्यक्ति भारत की सनातन शक्ति के प्रतीक मंदिर में जाकर साधना करता है।
101
add a comment