कोरबा : अतीत…का वह एक ऐसा समय भी था जब दुनियां के कुछ देशों में महिलाओं को वोट देने तक का भी अधिकार नहीं था…लेकिन यह हमारा देश भारत है… एक ऐसा देश… जहां अलग-अलग धर्म और जाति के लोग निवास करते हैं…यहां की बोली, संस्कृति और परम्पराओं में भी विविधता है…कुछ इन्हीं समाहित विविधताओं वाले देश की अपनी भी एक पहचान है और वह पहचान है यहां का संविधान…यहां का लोकतंत्र। दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले इस देश में रहने वाले भारतीयों को अधिकार है कि वह अपने पसंद का जनप्रतिनिधि चुने और अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल लोकतांत्रिक तरीके से कर सके। वह चाहे पुरूष हो या महिला या फिर तृतीय लिंग..सभी को 18 वर्ष की आयु पूरी करने के साथ ही मतदान करने का संवैधानिक अधिकार है..। वर्षों पहले कुछ देशों में भले ही महिलाओं को वोट देने से दूर रखा गया, लेकिन यह समय के साथ शिक्षित होकर जागरूक होती, अपने अधिकारों की ओर आगे बढती महिलाओं की पहचान है कि चुनाव के मैदान में खड़ी होने के साथ ही मतदान कराने का दायित्व भी सम्हालना शुरू कर दिया है।
चौरा “शहर”
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