नई दिल्ली:भाजपा प्रत्याशी माधवी लता ने ओवैसी परिवार की लगातार चार दशकों से ज्यादा की निष्कंटक निजामी को चुनौती दी है। प्रतिदिन कोई न कोई विवाद और प्रतिवाद के बीच ओवैसी के सामने माधवी लड़ रही हैं। हैदराबाद मुस्लिम बहुल सीट है, लेकिन मतदाता सूची से इस बार पांच लाख 41 हजार वोटों के कम हो जाने एवं माधवी लता के प्रचार के निराले अंदाज से विरोधी खेमे में बेचैनी है।
आजादी के बाद से हैदराबाद में लोकसभा के हुए कुल 17 चुनावों में दस बार ओवैसी परिवार की जीत हुई है। सिर्फ सात बार ही अन्य को मौका मिला है।
माधवी का चेहरा नया है, लेकिन पहचान पुरानी। माधवी प्रखर हिंदू नेता के साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जानी जाती हैं। गौशाला चलाती हैं। स्लम बस्तियों की मुस्लिम महिलाओं के सुख-दुख में खड़ी रहती हैं। आर्थिक सहायता दिलाती हैं। सनातन की प्रखर वक्ता हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।लंबे समय से ओवैसी परिवार के प्रभुत्व का पर्याय बने इस क्षेत्र में परिवर्तन के प्रयासों को मंजिल तक पहुंचाना आसान नहीं। हैदराबाद संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की सात सीटें हैं। इनमें से छह पर ओवैसी की पार्टी का कब्जा है।