नई दिल्ली:🔷डेंगू बुखार – कारण, लक्षण, निदान और इलाज
🔷डेंगू कब जानलेवा होता है ?
🔷प्लेटलेट कैसे बढ़ाएं ?
🔷कब पड़ती है प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता ? इन सभी प्रश्नों
के उत्तर
डेंगू किस कारण होता है?
डेंगू वायरस द्वारा होता है जिसके चार विभिन्न प्रकार हैं टाइप 1,2,3,4 आम भाषा में इस बीमारी को हड्डी तोड़ बुखार कहा जाता है क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता हैl
डेंगू फैलता कैसे हैं?
मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है इन मच्छरों को ‘एडीज मच्छर’(धारीदार मच्छर)कहते हैं जो काफी ढीठ व साहसी मच्छर है और दिन में भी काटते हैं l
डेंगू बुखार के लक्षण: लक्षण इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैंl
1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
2. डेंगू हमरेजिक बुखार (DHF)
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)
क्लासिकल (साधारण )डेंगू बुखार एक स्वयं ठीक होने वाली बीमारी है तथा इससे मृत्यु नहीं होती है लेकिन DHF तथा DSS का तुरंत उपचार शुरू नहीं किया तो वह जानलेवा सिद्ध हो सकता हैl
इसलिए यह पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण है कि साधारण डेंगू बुखार है या DHF अथवा DSS, नीचे दिए गए लक्षणों से इसे पहचान में सहायता मिल सकती हैl
1 क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
-ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना
-सर मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने और हिलाने
से और भी बढ़ जाता हैl
-अत्यधिक कमजोरी भूख में बेहद कमी और जी मचलना
-मुंह का स्वाद खराब होना
-गले में हल्का सा दर्द होना
-शरीर पर लाल rash/ ददोरे
2. डेंगू हेमोरेजिक बुखार DHF
यदि साधारण डेंगू बुखार के साथ-साथ नाक ,मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना, त्वचा में काले- नीले रंग का चिकत्ते पढ़ने लगे तो DHF होने का शक करना चाहिएl
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम DSS
इसमें साधारण बुखार के लक्षण के साथ रोगी होश खोने लगता है, उसकी नाड़ी और ब्लड प्रेशर भी काफी कम हो जाती हैl
डेंगू बुखार के लिए जांच
-डेंगू NS1 एंटीजन टेस्ट
-डेंगू के लिए एंटीबॉडी टेस्ट(IgM.IgG)
-RT-PCR परीक्षण
उपचार
* स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह के अनुसार पेरासिटामोल की गोली
लेकर बुखार को कम रखें
* रोगी को डिस्प्रिन और एस्प्रिन कभी ना दें
* यदि बुखार 102 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है तो बुखार को कम
करने के लिए पानी की पट्टी लगाई
* सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें
* हाइड्रेशन: डेंगू बुखार से निपटने के दौरान हाइड्रेटेड रहना
महत्वपूर्ण है।
* डॉक्टर के संपर्क में रहे और यदि DHF, DSS के लक्षण दिखे तो
अस्पताल में भर्ती हो जाए
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
प्लेटलेट को बनने के लिए भरपूर मात्रा में पानी ,प्रोटीन विटामिन B12 विटामिन C,फोलेट (Folate),आयरन (Iron) की आवश्यकता पड़ती है अतः इन सभी तत्व से युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें I
*पपीते के पत्ते का काढ़ा बनाकर पिएं(इसमें एसिटोजेनिन नामक
फाइटोकेमिकल पाया जाता है, जो प्लेटलेट की संख्या को तेजी से
बढ़ाने में कारगर है)
*विटामिन बी-12 – अंडे ,दूध और पनीर
*विटामिन सी C-संतरा, आंवला, नींबू
*फोलेट – मूंगफली, राजमा, संतरे का रस
*आयरन – कद्दू के बीज, मसूर की दाल, मांस और फल
*बुखार को कम रखें
*पानी खूब पिए और
*खूब रेस्ट करें
प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता कब पड़ती है?
यह डॉक्टर डिसाइड करते हैं ,परंतु साधारण जानकारी
के लिए
-जब प्लेटलेट 20000 से कम हो जाए
-प्लेटलेट लगातार कम होता जा रहा हो जैसे 50k- 40k -30k
-ब्लीडिंग केलक्षण दिख रहे हो
Note:यह जानकारी जनरल फिजिशियन डॉ अनिल से विचार विमर्श करके दी गई है किसी भी प्रकार की बुखार होने से डॉक्टर से जरूर संपर्क करें यह पोस्ट सिर्फ जानकारी मात्र के लिए हैI