रायपुर:। बिजली बिल को लेकर भाजपा के बयान को कांग्रेस ने मुद्दाविहीन भाजपा का प्रलाप बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिजली को लेकर भाजपाई घड़ियाली आंसू बहा रहे है। जिस वीसीए की बढ़ोतरी को लेकर भाजपाई बयानबाजी कर रहे वह कोयले, डीजल के दामों की कम-ज्यादा होने के आधार पर कम-ज्यादा किया जाता है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वीसीए में 5 बार कमी हुई है तथा 3 बार बढ़ोतरी हुई।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज में 15 साल में 18 बार बिजली की दरें बढ़ाई गई। रमन सरकार बनने के बाद से विदाई तक 2004-05 से 3 रूपया 27 पैसे से 2018 तक बढ़ाकर 6 रूपया 20 पैसा प्रति यूनिट किया अर्थात 90 प्रतिशत प्रतिवर्ष बिजली के दाम में बढ़ोतरी हुई थी। भूपेश सरकार के साढ़े 4 साल में 6 रूपए 20 पैसा से 6 रूपया 22 पैसा केवल दो पैसे की मामूली वृद्धि साढ़े 4 साल में औसत वृद्धि 0.71 प्रतिशत प्रतिवर्ष। वेरिएबल कॉस्ट में वृद्धि का कारण मोदी का अडानी प्रेम और डीजल पर अनियंत्रित मुनाफाखोरी के साथ महंगाई के चलते बढ़ता परिवहन और कोयले पर मोदी सरकार द्वारा 8 गुना ग्रीन सेस में वृद्धि है। मोदी निर्मित महंगाई के चलते कोयले के परचेज कास्ट में वृद्धि 25 प्रतिशत, रेल भाड़ा 41 प्रतिशत, सड़क परिवहन 11 प्रतिशत, ग्रीन एनर्जी सेस 11 प्रतिशत अन्य वेरिएबल कास्ट में वृद्धि 12 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई जिसके कारण विद्युत कंपनी को वीसीए मजबूरी में बढ़ाना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार केन्द्र सरकार की तमाम अवरोधों के बावजूद अपने राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ते दर में बिजली देने को प्रतिब्द्ध है। छत्तीसगढ़ में देश की सबसे सस्ती बिजली बिल मिलती है। कांग्रेस सरकार 400 यूनिट तक की बिजली का दाम आधा ही लेती है। 44 लाख उपभोक्तओं को 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में मिल रही है। देश की अकेली राज्य सरकार भूपेश सरकार है जो 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में दे रही है। इस मामूली बढ़ोत्तरी के बावजूद देश में सबसे सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ में है। देश भर के भाजपा शासित राज्यों यूपी, एमपी जैसे राज्यों में तो जनता को बमुश्किल 15 घंटे बिजली मिलती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केन्द्र सरकार ने फरमान जारी किया है कि देश के सभी विद्युत कंपनी को 10 फीसदी आयातित कोयला उपयोग करना होगा। जो हमारे राज्य की कोयले की कीमत से अयातित कोयला की कीमत लगभग 4 से 6 गुना ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में विद्युत कंपनी के साथ देश भर में बिजली उत्पादन लागत बढ़ गयी। इससे बिजली के दामों में मामूली बढ़ोत्तरी करनी पड़ी। इसमें भी उपभोक्ता के ऊपर आधा भार आयेगा शेष राज्य सरकार वहन करेगी। यह बढ़ोत्तरी मोदी सरकार की अकर्मण्यता तथा मोदी के अडानी प्रेम के कारण हुयी है। मोदी सरकार को यह मालूम है कि देश भर की विद्युत कंपनिया 10 फीसदी तक अयातित कोयला का उपयोग करेगी तो उनकी मजबूरी होगी कि वह अडानी से कोयला खरीदेगी। देश का सबसे बड़ा कोयला आयातक अडानी समूह है। अडानी को फायदा पहुंचाने के लिये ही केन्द्र सरकार ने ये फरमान जारी किया है। जिसका खामियाजा देश भर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।