रायपुर: विगत लगभग 80 दिनों से हिंसा की आग में मणिपुर जल रहा है. अशांति, हिंसा और आगजनी से पूर्वोत्तर की जनता त्रस्त है. महिलाएं हिंसा की क्रूर शिकार बन रही है, और प्रदेश एवं केंद्र दोनो ही सरकार मूकदर्शक है. प्रधानमंत्री की इतने संगीन मामले में चुप्पी ने इस आग में हिंसा का ही काम किया है ।मणिपुर में संविधान, आम लोगों के जान माल, निजता काअधिकार, कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर आपसी रंजिश, प्रतिशोध और सर्वोच्चता के नाम पर हिंसा का राज्य प्रश्रय कर्ता बन गया है ।
ऐसे में मणिपुर में शांति बहाली तथा समुदाय विशेष के खिलाफ घृणा और हिंसा पर तत्काल रोक के लिए कदम उठाने और इस हिंसा के दोषियों को दंडित कर सभी पीड़ितों और प्रभावितों को सहायता के साथ ही विस्थापितों की सुरक्षित घर वापसी और पूरे देश में घृणा और हिंसा की संघ , भाजपा की राजनीति बंद किए जाने जैसी मांग को लेकर श्रमिक, किसान वर्ग सीटू, किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा और नागरिक संगठन 25 जुलाई को डा. आम्बेडकर प्रतिमा, घड़ी चौक, रायपुर में शाम 5.15 बजे देश व्यापी प्रतिरोध दिवस मनाएंगे।
चौरा “शहर”
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