रायपुर:। जब-जब अमित शाह छत्तीसगढ़ आते है उसके ठीक पहले ईडी आईटी की छापे संयोग है या प्रयोग भाजपा को स्पष्ट करना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अमित शाह कोरबा आये थे, उसके पहले अमित शाह बस्तर आये, उसके पहले और जब रायपुर आये उसके पहले ईडी आईटी की कार्यवाही यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि यह सारी कार्यवाही भाजपा की राजनैतिक साजिश है अमित शाह इन छापों की क्रोनोलाजी प्रदेश की जनता को समझाये। छत्तीसगढ़ में राजनैतिक रूप से कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पा रही भाजपा ईडी और आईटी को आगे करती है। छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है यह रिश्ता क्या कहलाता है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने अपने सत्ता बल का दुरुपयोग कर केंद्रीय जांच एजेंसियों को भाजपा का मोर्चा, संगठन, बना दिया है। इसीलिये भाजपा की प्रमुख अनुषांगिक संगठन ईडी मोर्चा, आईटी मोर्चा ने अपना चुनावी काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां रोकने भाजपा ईडी के साथ साजिश कर रही है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता का राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरूपयोग कर कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने का षड़यंत्र रच रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जहां पर राजनैतिक रूप से सीधा मुकाबला नहीं कर पाती, वहां पर वह केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई, आईटी को आगे कर अपना राजनैतिक मंतव्य साधने का प्रयास करती है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास जनसरोकारों का कोई मुद्दा नहीं बचा है। भाजपा लगातार राज्य में जनता का भरोसा खोते जा रही है उसके कार्यकर्ताओं में हताशा का माहौल है ऐसे में अपने राजनैतिक वजूद को बचाने भाजपा ईडी, सीबीआई, आईटी का दुरुपयोग कर राज्य सरकार की छवि खराब करने में लगी है। पिछले चार साल में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के ऊपर भाजपा 1 रू. का भी प्रमाणित भ्रष्टाचार का आरोप लगा नहीं पाई है तो अधिकारियों, व्यापारियों के यहां छापेमारी कर वातावरण बनाने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री और इन्फोर्समेंट डायरेक्टर को पत्र लिखकर नान और चिटफंड घोटाले की जांच कराने का अनुरोध किया था। ईडी, आईटी नान घोटाले, चिटफंड घोटाले, पनामा पेपर के अभिषाक सिंह की जांच क्यों नहीं करती है? नान गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का डाका डाला गया है, जब इतनी बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है, नान डायरी में सीएम सर, सीएम मैडम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम जैसे दर्जनों नामों का उल्लेख है जिनका मोटी-मोटी रकम देने का भी उल्लेख है। ऐसे में इस अवैध लेनदेन की जांच ईडी क्यों नहीं करती है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के शासनकाल के 15 साल में चिटफंड कंपनियों ने सरकार के संरक्षण में जनता को लूटने का बड़ा षड़यंत्र बनाया था। फर्जी चिटफंड कंपनियों के कार्यालयों का उद्घाटन स्वयं रमन सिंह, उनकी पत्नी और सांसद पुत्र ने किया था। रमन मंत्रिमंडल के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों ने चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन किया था। सरकारी रोजगार मेले में चिटफंड कंपनियों के स्टॉल लगे थे जिनके माध्यम से एजेंटों की भर्तियां हुई थी। इन चिटफंड कंपनियों ने राज्य की जनता से 6,000 करोड़ से अधिक रू. की उगाही किया था। राज्य की पुलिस चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध जांच कर रही कुछ कंपनियों की संपत्तियां कुर्क कर लोगों के पैसे भी वापस करवाया जा रहा। यदि 6,000 करोड़ रू. का अवैध लेनदेन हजारों लोगों के साथ हुआ है तो इस मामले की ईडी से जांच क्यों नहीं हो रही है? केंद्र सरकार नान और चिटफंड घोटाला की जांच ईडी से करवाने का साहस क्यों नहीं दिखा रही? क्यों इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नाम है इसलिये भाजपा नान और चिटफंड घोटाले की जांच में घबरा रही है। जब काल्पनिक और कूटरचित मुद्दों के आधार पर ईडी कार्यवाही कर सकती है तब ठोस साक्ष्यों के आधार पर ईडी की जांच क्यों रोका जा रहा है?