रायपुर,:भारत से लगभग साढ़े आठ हजार किलोमीटर की दूरी पर बसे इंडोनेशिया के बाली द्वीप में भी किसी लड़की का नाम पद्मा हो सकता है या फिर श्रीयानी हो सकता है यह सोचना भी चकित कर देता है लेकिन बाली द्वीप में ऐसा हो सकता है। 2000 बरस पहले यहां भारतीय उपमहाद्वीप का सांस्कृतिक प्रभाव पड़ा और बाली ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को अपना लिया। वाल्मीकि की रामायण कथा बाली द्वीप में आज ही उसी तरह से सुनी सुनाई जाती है और स्थानीय संस्कृति के अनुरूप इसका सुंदर मंचन किया जाता है। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मौके पर बाली से आए दल की सदस्य ने बताया कि मेरा नाम पद्मा है हमारे यहां बिल्कुल वैसे ही पूजा होती है जैसे भारत में होती है। हमारे यहां भी लोग मंदिर जाते हैं और हम सब भगवान राम के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। बाली से ही आई श्रीयानी ने बताया कि लक्ष्मी जो विष्णु जी की पत्नी है उनकी विशेष पूजा बाली द्वीप में होती है और इसी वजह से बहुत सारी लड़कियों के नाम श्री से हैं जैसे श्रीयानी या पदमा।
चौरा “शहर”
ब्रेकिंग
- कृषक सम्मेलन में किसानों को “विष्णु की पाती” भेंट
- जनादेश परब : किसान सम्मेलन सह कृषि मेला में किसानों को दी गई योजनाओं की जानकारी
- मिट्टी, मुरूम एवं रेत के अवैध परिवहन पर कड़ी कार्रवाई
- 26 दिसंबर को मनाया जाएगा वीर बाल दिवस: प्रदेश के स्कूलों में होंगी विविध प्रतियोगिता
- होम्योपैथी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रोगों को ठीक करने में सक्षम: उपमुख्यमंत्री