नई दिल्ली:भारतीय मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेनरॉय ने कहा था कि हमारा पूर्वानुमान है कि अल नीनो रहेगा और हिंद महासागर डिपोल पॉजिटिव रहेगा. यूरेशियन बर्फ की चादर भी हमारे लिए फेवरेबल है. अल नीनो का असर तो जरूर दिखेगा. लेकिन मेरा कहना है सिर्फ एक फैक्टर से मॉनसून प्रभावित नहीं होता है. हमारे मॉनसून पर दो-तीन वैश्विक कारक है, जो मॉनसून पर असर डालते हैं. उसमें अल नीनो फेवरेबल नहीं है मगर इंडियन महासागर द्विध्रुवीय फेवरेबल है. इन सबको फैक्टर करके हमने कहा है कि मॉनसून नॉर्मल रहने की संभावना है”.देश में इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है. IMD ने बताया कि 4 जून के आसपास मॉनसून केरल पहुंचेगा.इस साल मॉनसून 96 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून 96% रहने का अनुमान है. मॉनसून के दौरान अल नीनो की संभावना 90% से ज्यादा है.
चौरा “शहर”
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